घुटनों के दर्द ( Knee Pain ) का रामबाण इलाज

घुटनों के दर्द की समस्या आजकल आम होती जा रही है कई बार ऐसा भी होता है कि किसी कारणवश चोट लग जाने से या बढ़ती हुई उम्र के कारण या फिर व्रद्धावस्था में हड्डियों के कमजोर हो जाने से अक्सर घुटनों में दर्द होने लगता है. कई बार तो हमें आपरेशन करवाने को बोला जाता हैं किन्तु आपरेशन करवाने के बाद भी समस्या समाप्त नही होती अतः हमें इसके लिए कुछ आयुर्वेदिक जडी बुटीयो के सेवन से इस समस्या से छुटकारा पा सकते हैं।
कामधेनु बबुल फली पाउडर का सेवन : कामधेनु बबुल फली पाउडर घुटनों के दर्द में बहुत ही शानदार काम करता हैं, कामधेनु बबुल फली को बबुल के पेड से सीधे ही हाथ से तोड कर सग्रंहित की जाती हैं। एंव कामधेनु बबुल फली की पिसाइ भी हाथ की चक्की से की जाती हैं। जिससे इनकी औषधिय गुणवता बरकरार होती हैं। क्योकि मशीनरी पिसाई में उत्पाद गर्म होता हैं, जिससे इसकी मूल औषधिय गुणवता खत्म हो जाती हैं। कामधेन बबूल की फली का चूर्ण जोडों के दर्द, व जाइंट रिप्लेसमेन्ट में संजीवनी का काम करती हैं।, कामधेनु बबुल फली पाउडर को कामधेनु बबुल गोंद पाउडर को साथ मिलाकर खाने से इसका प्रभाव और भी बढ जाता हैं। अतः इसके लिए आप कामधेनु बबुल फली पाउडर एक चम्मच के साथ कामधेनु बबुल गोंद पाउडर को आधा चम्मच मिलाकर सेवन करने से इसका फायदा अधिक मिल जाता हैं, चुकि बबुल गोंद सर्दियो में खाना बहुत अच्छा होता हैं, इसलिए सदिर्यो बबुल गौंद का सेवन करना काफी हितकर होता हैं।
कामधेनु बबुल फली पाउडर का सेवन करने से सामान्यतः कब्ज की समस्या हो सकती है, तो आप घबराऐ नही कब्ज के लिए अलग से कुछ ओषधि जैसे उदर विकार चूर्ण अथवा अन्य कुछ ले सकते हैं।
हरसिंगार पाउडर का सेवन : अर्थराइटिस के बेतहाशा दर्द और सूजन से निजात दिलाने में हरसिंगार की पत्तियां बहुत ही ज्यादा कारगर साबित होती हैं। अगर आप अर्थराइटिस से पीड़ित हैं तो हरसिंगार के पत्ते के पावडर को एक कप पानी में उबालकर और इसे ठंडा करके पीने से अर्थराइटिस के दर्द में राहत मिलता है। हरसिंगार का उपयोग प्रतिदिन करने से यह समस्या पूरी तरह दूर हो जाती है। यह जोड़ो के दर्द , घुटनो के दर्द, एवं समस्त प्रकार के शारीरिक दर्द में लाभ देता हैं।
वातारी चूर्ण का सेवन: कामधेनु वातारी चूर्ण को आप सुबह शाम दुध के साथ खाना खाने के बाद 10 से 20 से ग्राम नियमित रुप से सेवन करें। इसके सेवन से दर्द स्थायी रुप से दूर होता हैं, वातारी चूर्ण श्तावरी, असगंधा, सौंठ, मिश्री, सुरजान, व चोबचीनी से मिलकर बना होता हैं। जो जोडो के दर्द, लकवे का दर्द, बदन दर्द, वायु के दर्द, रींगण वाय के दर्द, साइटिका का दर्द आदि में लाभप्रद हैं।
नियमित तेल मालिश : घुटनों के दर्द वाली जगह पर गहराई से की गयी तेल की मालिश भी दर्द से छुटकारा पाने में एक असरदार तरीका है। जोड़ों के दर्द के लिए कामधेनु वातानिल तेल, अथवा कामधेनु महानारायण तेल से लगातार 20 मिनिट तक की गयी मालिश ऊतकों में रक्तसंचार को बढ़ा देता है और दर्द और सूजन को दूर करता है। वातानिल तैल जोडो के दर्द में संजीवनी का काम करता हैं। इस तेल की मालिश आप दिन में दो से तीन बार करें। और मालिश करने के बाद थोडी देर आराम अवष्य करें। कामधेनु वातानिल तेल, अथवा कामधेनु महानारायण तेल का प्रयोग आप शरीर के प्रत्येक भाग पर कर सकते हैं जहा पर भी आपको दर्द हो रहा हो, ये तेल दर्द के लिए सबसे उपयुक्त हें।
उक्त पोस्ट में दी गयी जानकारी पाठको के ज्ञानवर्धन के लिए हैं, अत: हम आपसे निवेदन करते हैं, की किसी भी उपाय का प्रयोग करने से पहले अपने चिकित्स्क से सलाह ले। हमारा उद्देश्ये सिर्फ आपको जागरूक करना हैं।